भारत का करारा जवाब: पाकिस्तान आतंक फैला रहा, IMF से चला रहा देश

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने वो कर दिखाया जो हर पड़ोसी से तंग आम भारतीय करना चाहता है—सामने खड़े होकर ‘सच्चाई की गोली’ चलाना।

हरीश ने पहलगाम हमले के बाद भारत की कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र करते हुए साफ कहा,

“सीमा पार से आतंक का एक्सपोर्ट करने वालों को इसका भारी भुगतान करना होगा।”

मतलब ये कि अब अगर आतंकवाद “Made in Pakistan” टैग के साथ आएगा, तो भारत की प्रतिक्रिया “Made in Precision” होगी।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का खुलासा: सर्जिकल स्टाइल में जवाब

26 लोगों की जान लेने वाले पहलगाम हमले के बाद भारत चुप नहीं बैठा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम की कार्रवाई से पाकिस्तान और POK में बने आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

हरीश बोले,

“यह सिर्फ जवाब नहीं, चेतावनी थी। अगली बार इससे भी तेज़ होगी।”

Pakistan, तुम सुन रहे हो न? या फिर IMF की मीटिंग में बिज़ी हो?

लोकतंत्र बनाम आतंक: भारत-पाक का असली मुकाबला

हरीश ने पाकिस्तान पर ऐसा राजनीतिक “googly” मारा कि न्यूयॉर्क में भी ‘Howzzat!’ गूंज गया। उन्होंने कहा:

“ “भारतीय उपमहाद्वीप में एक ओर भारत का परिपक्व लोकतंत्र, उभरती अर्थव्यवस्था और समावेशी समाज है. दूसरी ओर कट्टरता और आतंकवाद में डूबा पाकिस्तान है, जो आईएमएफ के कर्ज पर चल रहा है.”

वाह! मतलब UN में न सिर्फ आतंक की धुलाई हुई, बल्कि आर्थिक तंगी की भी खिंचाई हो गई।

Zero Tolerance का अल्टीमेट संदेश

हरीश ने दुनिया को याद दिलाया कि आतंकवाद के लिए ‘शून्य सहिष्णुता’ ही एकमात्र नीति होनी चाहिए।

“जो देश खुद आतंकी एक्सपोर्ट करें, वो दूसरों को नीति न सिखाएं।”

मतलब: “तुम अगर पड़ोसी हो, तो पड़ोसी की तरह बर्ताव करो, न कि रावण की तरह।”

क्या सीखा पाकिस्तान ने?

संभावना बेहद कम है, क्योंकि हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान यूएन में शर्मिंदा तो हुआ, पर सुधरने की उम्मीद कम ही है। लेकिन एक बात तय है:

भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, हिसाब भी बराबर करता है।

हे भगवान! अमेरिका का B-2 बॉम्बर बचा बाल-बाल, टक्कर होते-होते रह गई!

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